पापा जी ये गांव कैसा होता है, बता दो, बड़ा उत्सुक हूं, हो सके तो ले जाकर दिखा दो। पापा जी ये गांव कैसा होता है, बता दो, बड़ा उत्सुक हूं, हो सके तो ले जाकर दिख...
तेरी एक झलक से मुस्कान चेहरे पे आती है. तेरी एक झलक से मुस्कान चेहरे पे आती है.
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में। जाते-जाते हम छोड़ जाते हैं दास्तांं, साया हो जानी है जो दुनिया की किताब में।
परछाई बन जाऊँगा मैं तेरे जिस्म की, मेरी होकर तू मुझे अपना बना दे। परछाई बन जाऊँगा मैं तेरे जिस्म की, मेरी होकर तू मुझे अपना बना दे।
पाने को एक झलक तुम्हारी चाहने वालों की भीड़ लगा करती थी ! वो तुम्हारे घर की खिड़की का पर्दा जब हवा ... पाने को एक झलक तुम्हारी चाहने वालों की भीड़ लगा करती थी ! वो तुम्हारे घर की खिड़...